रुनु रेंदु मी
रुनु रेंदु मी
सदनी कु मेरु भाग्य
कैन कैल हंसेंन मी
बस देखेंदु दूर जांदू बाटू तेरु
तिमला का पाता …अ अ
ये तिमला का पाता
तिल दिनी साथा ये तिमला का पाता
तू भ्राता तू भूकी पौटी कु मेरु अन्नदाता
ये तिमला का पाता
कंडली कु सागा …अ अ
ये कंडली कु सागा
मार भी खैल खुभ कंडली मिल झम झम
तू मेर गरीबी कु गेल्या तू मेर छैलया
ये कंडली कु सागा
आलू का झोल …अ अ
ये आलू का झोल
गोल गोल खुभ मेरु माटु को ढोल
तू च मेरु जोश तू च मेरु होश
ये आलू का झोल
रुनु रेंदु मी
सदनी कु मेरु भाग्य
कैन कैल हंसेंन मी
बस देखेंदु दूर जांदू बाटू तेरु
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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