ADD

देख ना


देख ना

देख ना
मोड़ मोड़ पीछे
कोई ना आयेगा देख ना देख ना
कोई ना आयेगा

आयेगा कोई दौड़ दौड़ मेरा
रूठा हूँ उन से मै वो ही
आके मुझे मनायेगा वापस ले जायेगा
देख ना मोड़ मोड़ पीछे
कोई ना आयेगा

कोशिश की थी
देख ना पाया गुस्से को काबू ना लाया
किस अकड़ तड़क से उठा था गुजरा वक्त अब पछताया
देख ना मोड़ मोड़ पीछे
कोई ना आयेगा

युग बिता बस अहम को खींचा
उस पेड़ तले गिराये मैंने अपने वो अश्रु
जिस ने कभी कोई ना फल फूल सींचा
देख ना मोड़ मोड़ पीछे
कोई ना आयेगा

देख ना
मोड़ मोड़ पीछे
कोई ना आयेगा देख ना देख ना
कोई ना आयेगा

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ