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मयाल ही



मयाल ही

मायाल ही मिलहो
मायाल ही बिछोहो
मायल ही गीत मि गैहो
बौडी जंद ते थे बौडी अंद ऐ थे
माया की अंग्वाल …२

गेड मारि माया इनि
देके ना किले कु नि
स्पर्श वै थे नि चैन्दु
आंखीं गेन्दुं नि बचेंदु
माया की अंग्वाल …२

बड़ ऊ भागी जे दारी
माया ल बाटू बैठी हेरी
मी थे चैन्दु हरी हरी
माया जिते बल माया हरि
माया की अंग्वाल …२

मायाल ही मिलहो
मायाल ही बिछोहो
मायल ही गीत मि गैहो
बौडी जंद ते थे बौडी अंद ऐ थे
माया की अंग्वाल …२

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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