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कैकी लागि नजर कैकी


कैकी लागि नजर कैकी

कैकी लागि नजर कैकी
मेरा पाडे थे ये उकाले थे
कैकी लागि नजर कैकी

रीती हुन लगि डंडी कंठी मेरी
रीती रैगे कैगे विंथे अपरा और्री मेर नजर

कैकी लागि नजर कैकी
मेरा पाडे थे ये हिमाले थे
कैकी लागि नजर कैकी

सरया बस्ग्याल सरग बी रुंदु रैंदु अब
सुरंगों और्री डैमों नि खैणु डाम्युं जब

कैकी लागि नजर कैकी
मेरा पाडे थे ये गौंऊ गोठ्यारों थे
कैकी लागि नजर कैकी

देबता कन रूठ्यां मेरा मेसे
मेर भूमि मा कैकु हंत्या दोष लग्यां

कैकी लागि नजर कैकी
मेरा पाडे थे ये देवों की भूमि थे
कैकी लागि नजर कैकी

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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