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ऐजा भेंटि जा


ऐजा भेंटि जा

कन छे तू कख छे.... ऐ छोरी पुष्पा
कन छे तू कख छे
नि भलु लगनू
तै बिगैर यख यक्लु .... २
ऐजा ऐजा भेंटि जा .... ऐ छोरी पुष्पा
कन छे तू कख छे

क्द्गा दिन ऐनी इनि गैनी .... ऐ छोरी पुष्पा
क्द्गा दिन ऐनी इनि गैनी
धरियूं च सम्भली तेर माया
ये सफा मा गुंडालिक
ले जा लेजा तू मेर ये जियु माया .... ऐ छोरी पुष्पा
कन छे तू कख छे

गोल मुखडी प्याज की टोकरी
बुरांसी डाली मा सेबा की जीकोडी
कौदू की बाड़ी दगडी ये चुना की रोटली
ऐजा खिले जा ऐजा .... ऐ छोरी पुष्पा
कन छे तू कख छे.... ऐ छोरी पुष्पा
कन छे तू कख छे

प्रीति का रंग छन
तै दगडी हे रंगी छन
ये छला पल छला तल माथा मथ माथा
तेर माया संगी सजी छन .... ऐ छोरी पुष्पा
कन छे तू कख छे.... ऐ छोरी पुष्पा
कन छे तू कख छे

कन छे तू कख छे.... ऐ छोरी पुष्पा
कन छे तू कख छे
नि भलु लगनू
तै बिगैर यख यक्लु .... २
ऐजा ऐजा भेंटि जा .... ऐ छोरी पुष्पा
कन छे तू कख छे

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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