देक तेरा बाना
देक तेरा बाना
मी छोड़दुल सब
अब त छूची मानले
मेर छुईं अब
नि पीलू शराब
नि खेळलु तास
कैर मेरु बिस्वास
थम ले मेरु हात
रैललू ते दगडी
कबि नि कटलु तेरु बात
अच अबी से मिल
कैदेई ये बात की शुरवात
तू छे मेरी भगवती
तू मेरु सौंसार
ते छोड़िक की मिल
मिल जानू कै घार …… ३
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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