ADD

देक तेरा बाना


देक तेरा बाना

देक तेरा बाना
मी छोड़दुल सब
अब त छूची मानले
मेर छुईं अब

नि पीलू शराब
नि खेळलु तास
कैर मेरु बिस्वास
थम ले मेरु हात

रैललू ते दगडी
कबि नि कटलु तेरु बात
अच अबी से मिल
कैदेई ये बात की शुरवात

तू छे मेरी भगवती
तू मेरु सौंसार
ते छोड़िक की मिल
मिल जानू कै घार …… ३

एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ