चौमासी बरखा मेरा पाड़ों मा
चौमासी बरखा मेरा पाड़ों मा म्यारा डाँडों-कांडों मा
घिर घिर झिर झिर ऐगे म्यारा आँखिंयों मा
चौमासी बरखा मेरा पाड़ों मा
बैठी छ सौंजड्या मेर बाटों माँ मेरा सान्युं मा
हेर् दी घेर दी माया मेर बाँध राखि विं न ऊँ माया कि गेड़ीयों मा
चौमासी बरखा मेरा पाड़ों मा
ऐ जांदी कबि सुरक कबि झणमण म्यारा स्यारों मा म्यारा डालियों मा
चाखल पाखाल कै जांदी सैरभैर गढ़देश कु ढुंगा गारों मा
चौमासी बरखा मेरा पाड़ों मा
जिकुड़ी कि कैल सुणि जिकुड़ील काब कया पाई म्यारा ध्यानियों मा
धैल फ़ैल पाणा कुन छुड़गे तू ई बरखा थे यख यूँ रूलणयों मा
चौमासी बरखा मेरा पाड़ों मा
चौमासी बरखा मेरा पाड़ों मा म्यारा डाँडों-कांडों मा
घिर घिर झिर झिर ऐगे म्यारा आंखोयुं मा
चौमासी बरखा मेरा पाड़ों मा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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