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बटयूँ छों


बटयूँ छों

तुकड्युं बटयूँ छों
कै का बान अटक्यूँ छों
कैल जाणा
कैल उड़े ले जाणा
बटयूँ छों मी
बस जी मी बटयूँ छों

कबी गौं कबी दून मा
कबी लून कबी रुन मा
नि जाणा मिल ये देब्तों
कखक कख मि अटक्यूँ छों
बटयूँ छों मी
बस जी मी बटयूँ छों

जीकोडी कि तुकड़ मा
आंख्युं की रटन मा
बोल्यूं की गिच्न मा
अपरुँ कि रिसण मा किस्क्युँ छों
बटयूँ छों मी
बस जी मी बटयूँ छों

देर मा अबेर मा
बौल्या परित कि फेर मा
टक्कों की रेस मा
खाली किसों की जेब मा रच्यूं छों
बटयूँ छों मी
बस जी मी बटयूँ छों

तुकड्युं बटयूँ छों
कै का बान अटक्यूँ छों
कैल जाणा
कैल उड़े ले जाणा
बटयूँ छों मी
बस जी मी बटयूँ छों

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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