किले
किले नि जाणा पाई
नि पछाण पाई
कित्गा निर्मल कित्गा सुंदर
पाड़ा हमारू गौं घार हमारू
किले नि जाणा पाई
नि पछाण पाई
पुंगड़ो की माया डालों की साया
हेरालु डंडों कंठों कैन यख बसाया
किले नि जाणा पाई
नि पछाण पाई
बगदी अलकनंद भागीरथी माँ नंदा
बोई गंगा की धारो कैल बग्यू
किले नि जाणा पाई
नि पछाण पाई
आम अखरुट लीची किन्गोड़ा
बुरांस फ्योंली कैल पक्याो कैल फ़ुल्यो
किले नि जाणा पाई
किले नि पछाण पाई
हरी कु द्वारा बद्री केदार को घार
उकलू छोड़ी किले मेरु मन उंदार
किले नि जाणा पाई
नि पछाण पाई
कित्गा निर्मल कित्गा सुंदर
पाड़ा हमारू गौं घार हमारू
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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