ADD

पहाड़ों की रानी फिर आ गयी तू तेरी याद


पहाड़ों की रानी फिर आ गयी तू तेरी याद

अब भी वो याद आती है
मेरे साथ साथ वो दिन रात रहती है
भूलने का बहाना करते करते
बहाने बहाने वो याद आती रहती है

अभी तो आयी थी अभी वो जा रही
जिसके आने की ख़ुशी आँखों ने मनाई
देख उस ख़ुशी ने भी तेरी याद दिलाई
पगली तेरे प्यार में वो आँसूं छलका गयी

पहाड़ों की रानी फिर आ गयी तू तेरी याद
अपने से ही मुझे फिर तू दूर कंही ले गयी
उन गुजरे पल वो कल बस तू पल पल बहे
बहती रही तू हवा बन तू मेरे अगल बगल

क्या प्रेम है तेरा या बस सपनों का खेल है
दिन रात सुबह शाम वो आठों प्रहर तू
मेरी मसूरी मेरे बचपन,जवानी और कुछ दिन
जुड़ गयी तेरी माटी मेरे सांसों में कण कण

अब भी वो याद आती है
मेरे साथ साथ वो दिन रात रहती है
भूलने का बहाना करते करते
बहाने बहाने वो याद आती रहती है

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ