जमी जा डाली
जमी जा डाली माया की
कैन कैन खैई यख भागा की ……२
जमी जा डाली माया की
नि लगे नि लगे
माया तू मेरी इन नि लगे
नि बढे नि बढे
प्रीत लगुली तू इन नि बढे
छोड़ छड़ीकी सबी चौलि जांद
रौली पानी सी सब बौगी जांदा
खते जांद ज्वानि ना ना इन नि कैर
ये झूठु बस्ता माया का ना खांदा धैर
इन लगे इन लगे
माया मेरी तू इन लगे
मेरु पाडा मेरु घार को
बस उत्तरखंड मेरु सौंसार सारा को
इन लगे माया मेरी ये माटा जमै
फ्योंली बुरांस ये पाड़ा जन खिले
जन आंद रोज सुबेर ब्योखन रात
चौमासा जणू मेरु स्वास यख मिले
नि लगे नि लगे जमै माया की
कुकुरू सुंघर नि खैई यख भागा की ……२
नि लगे नि लगे जमै मया की
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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