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चलो बीते पलों में फिर जी लें हम


चलो बीते पलों में फिर जी लें हम

चलो बीते पलों में फिर जी लें हम
बैठो थोड़ी देर और थोड़ी पी लें हम

नशा ऐसा यादों का छाने दो
घूंट घूंट में पीने का मजा आने दो

मधुशाला आज बंद हम कर जायेंगे
कल का पता नहीं की हम आयेंगे

आज में हम को जी लेने दो
थोड़ी बची है थोड़ी मय भर लेने दो

मजा जिंदगी का अब आयेगा
नशा नशा संग जब बात करेगा

उस मध्यम उजाले में खो जाने दो
ग़म का सारा सागर आज पी जाने दो

चलो बीते पलों में फिर जी लें हम
बैठो थोड़ी देर और थोड़ी पी लें हम

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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