ADD

बात दिल में लगी तू ने जो भी कही


बात दिल में लगी तू ने जो भी कही

बात दिल में लगी तू ने जो भी कही
आँखों से बह गये अश्क वो भी कह गये यही
बात दिल में लगी तू ने जो भी कही

बहते हैं उन्हें अब जी भर के बह लेने दो
जुदाई उनकी अब अकेले अकेल सह लेने दो
बात दिल में लगी तू ने जो भी कही

एक तू ही तो था मेरा और कोई नहीं
उन हाथों से हाथ छूटते ही इस दिल ने कहा
बात दिल में लगी तू ने जो भी कही

जुबान खामोश, आँखें गुमसुम हो गयी
वो खोजती नजर बस दूर तक देखती रही
बात दिल में लगी तू ने जो भी कही

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ