एक दिन त आलू गुरूजी
एक दिन त आलू गुरूजी
क्वी अपरा अपरू थे भी खोज्यालो गुरूजी
बस सब म्यारु ये सारू लिख्युं
सरस्वती देबी चरणी च गुरूजी
एक दिन त आलू गुरूजी ................
ना लालस च क्वी मेरु गुरूजी
ना चैणु च कुच भी मिथे गुरूजी
पडि ले ला जब भटकि मनखी मिथे
दोई आंसूं त भैर पोडीला गुरूजी
एक दिन त आलू गुरूजी ................
बस आप कु आशीर्वाद चैणु गुरूजी
ये कोरा कागज भला नई दिक्दा गुरूजी
द्वि अखार जबै ऐमा अकरे जाँदा
तब ये जियूं मा जीयु आन्दु गुरूजी
एक दिन त आलू गुरूजी ................
एक दिन त आलू गुरूजी
क्वी अपरा अपरू थे भी खोज्यालो गुरूजी
बस सब म्यारु ये सारू लिख्युं
सरस्वती देबी चरणी च गुरूजी
एक दिन त आलू गुरूजी ................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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