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नि ऐ स्कलू दीदी भूली मेरी पियारी



नि ऐ स्कलू दीदी भूली मेरी पियारी

आच यख यखुली बिदेश मा
भंडी खुद आणि छे
मि थे मेरा पहाड़ की
मेरा गौं चौक घार की
दीदी भुलियुं कू हका की
रीता सुनी दयँ कलैई देखि
सुनि रखडी रैगे मेरा हाथ की

बैठी हुली सुबेर सुबेर
याद करनी हुली अपरा भुलू दादा की
भैर कागा कू कंव् कंव्
धीर बंधनि व्हैली वे धागा की
तिलक चवलों हल्दू मा
मीठी मिठाई सजी व्हैली थला की

कन भग्या मि लेकि अयुं
दूर छोड़ी गढ़ देश मिन ये माया की
माया मिलेकि मायाल मि रुवेई
अन्ख्युं भटिक वा आच बोगी की
नि ऐ स्कलू दीदी भूली मेरी पियारी
अगली बरसी ऐलु मि घौर अणा की

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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