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तेर कंडो मा



तेर कंडो मा

तेर कंडो मा
खिल्दा फूल छों मि ऐ माँ
तू इनि सम्भली रखी सदनी
अपरी गोदी मा मिथे ऐ माँ
तेर कंडो मा...............

ना अपरी से मिथे कभी दूर कैर
ना कभी नारज व्है तू ना गुस्सा कैर तू माँ
तेर फ़िक्र मि भी कैदु ऐ माँ
पर अपरी माया थे जातौ बतौ नि सक्दु
तेर कंडो मा...............

तेरी आँखि सदनी में दगड बचंदि रैंदी
जीकोडी धड़ धड़ तेरी मिथे धिर बंधोंदी रैंदी माँ
तेर हाक सुनी की मि झट दौड़ी ते पास ऐजांदु
भूकी मिटदी ना दोई घास तेरा हाथा कु नि खान्दु
तेर कंडो मा...............

तू इनि सदनी अपरा हाथ मेर मोंड मसल दी रे
मि तेर दोइया खुठड़ियों मा सदनी इनि पौड़ी रालों
मि थे मिल जालु मेरु सर्ग यखी ये भुंया मा माँ
मि तेर खुठीयूं को धोयुँ पाणी जब रोज प्यालो
तेर कंडो मा...............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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