ADD

जाने कया सोच्नु छे



जाने कया सोच्नु छे

जाने कया सोच्नु छे
यकुली यकुली कैथे खोज्नु छे
जिकोड़ो मेरो बोलदे तू
भेद अपरू सारो खोलदे तू

बल एक एक दिस ग्याई
परती कि यख क्वी ना ऐई
छों घंगतोल मा दीदा
सब कख लुकी ग्याई

नि रैगे क्वी संगती साथी
नि रैगे क्वी दियू बाती
आज छन सब यखरा यखरा
भौल क्या कं तिल रे बाछी

समा सुम छ्या यख पसरयूं
ईं देबों पितरों की घाटी
नि रैगे क्वी पूजणा वाल
कण कै बची रैली ये पाटी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ