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मि त लिख द्यूलु लाख कविता





मि त लिख द्यूलु लाख कविता

मि त लिख द्यूलु लाख कविता
वैल नि पैढ़ स्की त मिल कया कण
मि त लिख द्यूलु लाख कविता

पड़ी राई सदनी कुल्हणा भितर
भैरी नि ऐस्की त मिल कया कण
मि त लिख द्यूलु लाख कविता

लाख विपदा लाख पीड़ा सैई विल
आंसूं आखों मा राई त मिल कया कण
मि त लिख द्यूलु लाख कविता

ढुंगा गारा ही रे गैल्या अब मेरो
तिल ऐ समझी नि त मिल कया कण
मि त लिख द्यूलु लाख कविता

झम्प मारी की ये मेर कविता ग्याई
क्वी अपरो ना मिल त मिल कया कण
मि त लिख द्यूलु लाख कविता

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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