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अभी करने हैं मुझे कार्य बड़े



अभी करने हैं मुझे कार्य बड़े

अभी करने हैं मुझे कार्य बड़े
अभी अग्नि पथ पे मेरा चलना बाकी है
अभी तो शुरू है ये प्रथम अध्याय है
अभी १८ अध्यायों को पूर्ण करना बाकी है
अभी करने हैं मुझे कार्य बढे .............

अभी अपनों के संग मैं खेली पढ़ी बढ़ी
अभी अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ना है बाकी
अभी तो सोच और खुद को समझ रही हूँ मैं
अभी अपनों के लिए पहला पद आगे धरना है बाकी
अभी करने हैं मुझे कार्य बढे .............

अभी तो पहाड़ की बस एक घस्यारी हूँ मैं
अभी तीलू रौंतेली मुझे बनना है बाकी
अभी चकबंदी दारूबंदी के खिलाफ लड़ना है मुझे
अभी तो पहले अपने अपनों को एक करना है मुझे
अभी करने हैं मुझे कार्य बढे .............

निधि असवाल भुलि
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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