तै देख्द ही
तै देख्द ही
मि मि ना राई
देख ईं म्यळी मुखडी थे
ईं जिकोड़ी मा जादू व्हैग्याई
कया तेरो रूप च
कैल हुलु येथे इन बणाई
सरया सरीर मा मेरो
वैल अब कंप कपि कैग्याई
सुदी नि बुल्दु मि
ऐ गिच इनि नि खोल्दो मि
कैथे भी बिचार दे तू अब
मिल त झूठ ना सच ब्वाली
लिखणा कुण मिल
ना खुद कुछ इनि मिस्ल द्याई
तू ही कलम व्हैगै अब मेरी
तू ही अब वो गीत बणग्याई
तै देख्द ही .....
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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