आज झम झम
आज झम झम
तेर खुद फिर बौडी ऐगे
कोयेड़ी सी तू ऐकि
यक्ली मा मि फिर रुवैगे
रूडी का ये दिन झम झम
कख तू इने तू चुलगै
रूडी का रति थे
तू किलै इत्गा भंड्या कैगै
मेरो नि राई जियु झम झम
तेरो ही कबैर को अब हैगे
ह्युंद जमण लगै बोई
भारी जदू ऐ बारी पौडेगै
आज झम झम
तेर खुद फिर बौडी ऐगे ....
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ