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कहना है बस उनसे इतना



कहना है बस उनसे इतना

कहना है बस उनसे इतना
जो भूल गये हैं वो अपना रास्ता
अपना रस्ता याद रखना तुम
वरना खो दोगे जो भी बचा है वो अपना
कहना है बस उनसे इतना ...............

धर्म और कर्म का भाव यही
मूल है जो तेरा बस तेरा वो वही है
उस मूल को तो अपने में पकडे रखना
उस मार्ग से तो सदा अपने को जकड़े रहना
कहना है बस उनसे इतना ...............

कुछ भी नहीं तब रह जायेगा तेरा
अंत समय जब करीब आयेगा वो तेरा
भटकता फिरेगा तू उस मूल को ढूढ़ने
जो रास्ता अपना तूने भुला दिया था
कहना है बस उनसे इतना ...............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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