ADD

देखो कमजोर अब वो धागे होने लगे


देखो कमजोर अब वो धागे होने लगे
टूटते टूटते अब वो आधे से होने लगे
अपना ना लगे ना वो कभी पराया भी
फिर भी वो किस्से अब पुराने होने लगे

ध्यानी
बालकृष्ण डी ध्यानी
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