ADD

मेरा नाम ना हो


मेरा नाम ना हो

मेरा नाम ना हो
बस मेरा वो काम हो
इस जग में मेरा काम से
बस सब का काम हो

मैं वो कीच बनो
जिस में कमल खिले
इच्छा मेरी प्रभु के पद से
वो कमल जा के मिले

वो अन्धेरा मैं बनो
जिसमे कई दीप जले
सदैव प्रकाशमान रहे वो मन
ना मैं- (अँधेरा) तब रहूँ

उस सोच का मैं पथ बनो
जिस पर करोड़ों कदम चले
उस लक्ष्य को प्राप्त कर ही
करोड़ों कदम उस पथ पर रोकें

मेरा नाम ना हो

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ