जनि छाई मेरो गढ़ तब
जनि छाई मेरो गढ़ तब ,अबी बी ऊनि ही छे
नजरि मां तेरी बल ,बस ये फर्क पौड़ीगे
जनि छाई मेरो गढ़ तब ,अबी बी ऊनि ही छे .......
शीर्ष हिमाल को,अबी बी ऊनि ही छे
बस तेरो शीर्ष उन्द ग्याई,बस ये फर्क पौड़ीगे
जनि छाई मेरो गढ़ तब ,अबी बी ऊनि ही छे .......
मेरी हिमत मेरो बल बी ,अबी बी ऊनि ही छे
बस तेर धैर्य तेर बल मां,बस ये फर्क पौड़ीगे
जनि छाई मेरो गढ़ तब ,अबी बी ऊनि ही छे .......
दाणा स्याणा ही यख ,अब बाकि रैगे
ज्वानो को टोला अब ,वै न्यारा मां बोगीगे
जनि छाई मेरो गढ़ तब ,अबी बी ऊनि ही छे .......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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