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कया भुल व्हैगे मैसे


कया भुल व्हैगे मैसे

कया भुल व्हैगे मैसे
तू में दगडी किलै बोल्दि ना
कया भुल व्हैगे मैसे

ये माया को बुखार चडैकि
किलै वैथे अब दवाई पिलैदी ना
कया भुल व्हैगे मैसे

ये आँखा आँखा से मिलैकी
किलै अब ऊंथे चोरैन्दी तू
कया भुल व्हैगे मैसे

उजालों दिन दिखेकि मिथे
यखुलि अंधरों बाटा किलै छोड़ देंदी तू
कया भुल व्हैगे मैसे

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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