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बालपन मेरो मिथे तू बथा .....


बालपन मेरो मिथे तू बथा .....

बालपन मेरो मिथे तू बथा
बतै दे तू कख अब मिललू
दे दे मिथे तू अब अपरो पता
तेरो ठौर थिकणो कख च मिथे बथा
बालपन मेरो मिथे तू बथा.....

हैराण छों मि परेशांन छों
बगत तैर मार से मि घैल छों
निंदी नि आनि छ नि आंदु अब चैन
कख हर्ची गे हुलु मेर हैंस्दी मुखडी को गैंन
बालपन मेरो मिथे तू बथा .....

गुमसुम व्हैग्युं मि अपरा अपरी मां
यखुलो वैकि मि फिरदु अब सारो रैन
जल्दी ऐजा यक्लोप्न की दवैई तू दे जा
मेरो बालपन मिथे ऐकि तू जिंदगी सिखै जा
बालपन मेरो मिथे तू बथा ...

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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