ऐ जावा जनि ऐगे ये घाम
ऐ जावा जनि ऐगे ये घाम
तुम बी ऐजावा अपरा अपरा धाम
बथा टाक्कों कमै की कया पाई बल
शांति ना मिली अब बी तपरणु दिल
बद्री भी यखी छन केदार बी यखी छन
तुम बी त अब यखी ऐजावा
बैठी छा अब भी वा हेरी माँ तेरी
ऐ बारी त तुम विंका बान मार दे फेरी
फिरि ना जाणे कबै बारी आली तेरी
घाम बी सैलु जालु ऊ बगत झणि कबै आलो
ऐ जावा जनि ऐगे ये घाम
तुम बी ऐजावा अपरा अपरा धाम
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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