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मि उन्दु उन्दु विंथे बोलन्दो बल


मि उन्दु उन्दु विंथे बोलन्दो बल

मि उन्दु उन्दु विंथे बोलन्दो बल
वा फुंडे फुंडे किलै जांदी छे
गीत मेरा माया का
वा मेर दगडी किलै नि लगन्दी छे
मि उन्दु उन्दु विंथे बोलन्दो बल ..... .

विं बान मि कख कख नि रौड़ी बल
बस मि और्री मेरी ये जिकुडि ही जंणदि छे
आंख्युं मा बस्य मेरा सपुनिया ऊ
में दगडी तू किलै नि देक जांदि छे
मि उन्दु उन्दु विंथे बोलन्दो बल .....

लोक लाज की चिंता बल ...... अ.
तै थे बी नि मि थे बी छे
हाँ बोलदे अपरि गिचि से छुची
मि तै थे मंगणा कुन तेरो घार आच आनु छौं
मि उन्दु उन्दु विंथे बोलन्दो बल .....

वा फुंडे फुंडे किलै जांदी छे
गीत मेरा माया का
वा मेर दगडी किलै नि लगन्दी छे
मि उन्दु उन्दु विंथे बोलन्दो बल .....

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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