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मेरी बात से ..........


मेरी बात से ..........

मेरी बात से तू इतगा नराज ना व्है
बैठ मेर समण मे सै तू दूर ना जै
मेरी बात से ..........

ये निरबगि पोटगि का बणा
बल टक्का छंन हम थे कमणा
रोटलो चोंवल भूजि लेकि
ये पियारी भूकी पोटगि कू भूक मिटाणा

बात मेर समझ जै इतगा नराज ना व्है
बैठ मेर समण मे सै तू दूर ना जै
मेरी बात से ..........

शौक चढ़ी छे मिथे की मि ते थे छोड़ीकि जोलों
ते छोड़ीकि मि तू बता मि कन कै यखुली रोलों
यूँ ना सतों मिथे यूँ ना ये जिकुड़ी झुरो
तू ही रामी छे मेरी तू ही छे रौतेली

इतगा झूठ नखरा ना कैर सुदी नराज ना व्है
बैठ मेर समण मे सै तू दूर ना जै
मेरी बात से ..........

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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