बस लगन होनी चाहिए
बस लगन होनी चाहिए
और कुछ नहीं और कुछ नहीं
सच्ची सेवा भाव होना चाहिए
और कुछ नहीं
बस लगन होनी चाहिए
ना हार हो ना तेरी जीत हो
हर चीज से बस तुझे प्रीत हो
सुख में भी तेरे अश्रु बहने चाहिए
दुःख में मुख हँसता रहना चाहिए
बस लगन होनी चाहिए
पत्थर नहीं तब वो फूल हैं
कांटे नहीं ना वो शूल हैं
बस मन को तेरे सब कबूल होना चाहिए
विशवास हो अविश्वास ना होना चाहिए
बस लगन होनी चाहिए
बढ़ते कदम चले साथ साथ तेरे
सदमार्ग में उन्हें सदा बढ़ते रहना चाहिए
ठहराव नहीं तुझ में बहाव होना चाहिए
एक नहीं उन्हें हजार हाथ होने चाहिए
बस लगन होनी चाहिए
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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