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प्रेम खत्म हो जाये पर कभी दोस्ती ना खत्म हो



प्रेम खत्म हो जाये पर कभी दोस्ती ना खत्म हो
दोस्त मेरे मुझ से तेरी कभी बंदगी ना खत्म हो

ध्यानी प्रणाम
बालकृष्ण डी ध्यानी
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