ADD

ये मदहोसी का आलम


ये मदहोसी का आलम

ये मदहोसी का आलम और मेरी छटपटहट
एक दुजे में ना कहीं खो जाये हम
ना तुझे होश है ना मुझे  होश है
कहीं हम पर कोई दोष ना लगा जाये

चल रहने दे  इतना करीब  और आज आने दे मुझे
किसी  पल और हम करीब हो जाएंगे
(हम भी दिग्गी की तरह बदनाम कहीं  )  ..... २
लोगों  की गलियारों में कंही हो ना जाएँ जी

होश में आ जाओ .......होश में आ जाओ
ये मदहोसी का आलम........................

अपने में हम गुम है  तू कहीं मै कंही हूँ
ना तू  राधा है  ना मोहन  नहीं मैं
पर्दे में रहने दो ये रिश्ता हमारा
ये जग दो धारी तलवार है हम कमसिन कली हैं
लगता  नहीं ये हमारी गली  है

होश में आ जाओ .......होश में आ जाओ
ये मदहोसी का आलम........................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ