ऐ बारी बि
राती तेरा सुपन्या
दिन मा बस तेरु ख्याल
क्दग बरसों भटी हुणीं रे लाटा
बस जी बाळा तेरु जग्वाल
पठे देदि पिरत तेर
माया छीटगा मां भेजीं कि रैबार
बाँज पौड़ी भुमि मां परी
समुदर भटी ऐ जांदु मौल्यार
नि घुटेन्दी रे अब गफा
कुरबुरि देलि मां बैठि जांदु मि
परदेस भटिक आनदा बाटा दगड
बैठी अब तेर छुई लगंदु मि
सुण्याल मिन नि छे तेरु टैम
क्या कन मिन नि जाणू मेरू टैम
अब दुई जमानु को फेर हेर मां
ऐ बारी बि कखक ऊडलु रे गुलाल
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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1 टिप्पणियाँ
Jai ho guru ji
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