भाग१९
सुबेर-सुबेर घपरोल
" आजो गढवालि चुटकला" "
श्रीमान जी," यू रुठ्वूल इक्हाड़ू किले बण्याइ। इक्कू तरफ फुक्यूं च । हैंक तरफ काचि च।'श्रीमती," तुम पर क्या फरक पुणु। जन तुम छाव इक्हाड़ू वनि रुठ्वूल भी च। तुम तें भी त भुगतणू छों मि पच्चीस साल बिटिक इक्हाड़ू ही। चुप खै ल्याव । जादा नखरायट नि कारा। जन मि नि करदू ।" श्रीमान जी,"हें"
श्रीमान जी," यू रुठ्वूल इक्हाड़ू किले बण्याइ। इक्कू तरफ फुक्यूं च । हैंक तरफ काचि च।'
श्रीमती," तुम पर क्या फरक पुणु। जन तुम छाव इक्हाड़ू वनि रुठ्वूल भी च। तुम तें भी त भुगतणू छों मि पच्चीस साल बिटिक इक्हाड़ू ही। चुप खै ल्याव । जादा नखरायट नि कारा। जन मि नि करदू ।"
श्रीमान जी,"हें"


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