बैजी गैनी नेता णी बैजैणी
बैजी गैनी रुअली रुअली नेता णी बैजैणी
कखक बठै खाणी दाणी पुट्गी कण भरेणी
विकास का योजना देख गदानी बोगा गैनी
गढ़वाल को क्या होलो अब क्या होला दीदा
बैजी गैनी रुअली रुअली .........................
देख पुँर डंडा डंडा सड़की रुअडी गैनी
जंगलात को भी खाता सब चोर गैनी
हरा भरा मेर ये डंडा अब हुयां उजड़ा
डंडा का ये बघा राजा भी अब हैरण
बैजी गैनी डंडा डंडा ................................
पंतैद्रर की सूद णी लीण अब ये मेर बाटा
गाम गाम नल कुप लग गयां पाणी की धारा
पाणी च निस कण आलो ये बोये उकाला
तिश तिश मा बंजा होगैनी ये मेर पुंगडा
बैजी गैनी ये पंतैद्रर ....................................
भर पेट खाण छिण देख ये बंदर ये गोणी
सुऊंरूंण भलू ण उजड़ी बोया ये सारी खेती
कभी बरखा सताणी कब ये बदल फटाण
देवी आपदा अपरू को आपदा णी हम हैरण
बैजी गैनी पुन्गाडी.....................................
गुओं गुओंल्यां रीता हौयाँ सब उड्या आकास
मनख्यूं तै धास लाग्यां कब आलो ओ घारा
बल खाईणी पाणी णी रही ये मेर गढ़वाला
जवान भैर गाम दान-बऊड़यां रहेगें गयां घारा
बैजी गैनी गुओं गुओंल्यां.............................
बैजी गैनी रुअली रुअली नेता णी बैजैणी
कखक बठै खाणी दाणी पुट्गी कण भरेणी
विकास का योजना देख गदानी बोगा गैनी
गढ़वाल को क्या होलो अब क्या होला दीदा
बैजी गैनी रुअली रुअली .........................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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