ADD

देबता तू बोल ना ..गीत ...Gharwali utterakhand


गीत 

देबता तू बोल ना 


देबता तू बोल ना 

तू कख हरच्यूं 

हुं यूं  हताश  मि 

सौं ते परि  मेर

अवतरीत अबि त  .... २ 


अंधेरा म दस दिसा 

अर ब्याकुळ  मन 

अहम जलणू मेरु 

अर रेगे फुक्यूं मन


अबी  त  देक देबता 

खड़्युं दारम मि तेर

रित पऱीक्षा लेन की तेर 

बता मेरू क्या दोष 


इत्गा फुक्यू रे मि 

जिबन कि व्हैगे राख 

बिरडी गें दिसा यख 

धुँएडि व्हाई बाटू मेरु 


धुँहुंयूं हुंयूं धुँएडि मा 

बथों ऐ....  ले उडीगे सब 

अचणचक ऐ बादळ मां 

प्राण गे लपेटी  कख 


अबी  त  देक देबता 

खड़्युं दारम मि तेर

रित पऱीक्षा लेन कि तेर 

बता मेरू क्या रे दोष 


घैत कलेजु मां  कैरि 

भंडया खोल ग्युं तड़

निखारों बाट दि तेन 

पैरी नि छोड़ रे जोड़


कख नमऊ मि माथा 

देबता हुंयों मेरु बौळया 

यन कन बोई बबा 

तू रे बेफिकर  व्हैगे 


अबी  त  देक देबता 

खड़्युं दारम मि तेर

रित पऱीक्षा लेन कि तेर 

बता मेरू क्या रे दोष 


देबता तू बोल ना 

तू कख हरच्यूं 

हुं यूं  हताश  मि 

सौं ते परि  मेर

अवतरीत अबि त  .... २ 


बालकृष्ण ध्यानी 


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

  1. देवता जब सै जांदी तब मन थै कुछ भी अच्छू नि लागंदु
    बहुत अच्छी रचना

    जवाब देंहटाएं