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मैखाना


मैखाना
पैमाने पैमाने मै एक नामं छुपा है
मैखाने कै जमा मै कई राज़ छुपा है
अशकूं की लकीर मै साज छुपा है
ज़माने से लड़ रहूँ मै अकेले
इशके बूंदे बूंदे मै दिल का हल छुपा है
पैमाने पैमाने मै एक नामं छुपा है ………
रोशानी नहीं होती मैखाने मै
क्यों उजाला इशसे  गरीब खाने मै
हालां की हम गम मै जलते
खुशियूं को किनारे कम ही करते है
पैमाने पैमाने मै एक नामं छुपा है ………
दर्द से कराहता हम नामा
मैखाने का उसको रहा दिखा
फिर न सनम और सितम आयेगा
मखाने बस रंग आयेगा
पैमाने पैमाने मै एक नामं छुपा है ………
जामा के पीछे जामा आयेगा
पैमाने कोई पैगम आयेगा
किसी हसीना का सलाम आयेगा
गुल के हाथओं गुलाब आयेगा
पैमाने पैमाने मै एक नामं छुपा है ………
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कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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