गंगा का बहता निर्मल पानी
उत्तरखंड की कहते है कहानी
मै ने यहं जनम लेकर ध्यानी
उत्तरखंड की सेवा करने की ठानी
फेस बुक ही है मेरी ज़ुबानी
गंगा का बहता निर्मल पानी
उत्तरखंड की कहते है कहानी
मै ने यहं जनम लेकर ध्यानी
उत्तरखंड की सेवा करने की ठानी
फेस बुक ही है मेरी ज़ुबानी
गंगा का बहता निर्मल पानी
मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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