घसा का कुलाहां
मुण्डमा धेर्यीक
यूँ उन्दरियू उक्लियूं मा
कण हिटण वाला
म्यार पहाड़ की नारी
तु चंडी तूच भवानी
तूच भगवती माँ
उत्तरखंड तैथइए पूजण
तूच मेर दुर्गा माँ
म्यार पहाड़ की नारी
तै मा च्या शक्ती भारी
खैरी मा भी तील आहा नी भरी
दुःख मा ही तील
सरू जीवन बीताई
म्यार पहाड़ की नारी
घसा का कुलाहां
मुण्डमा धेर्यीक
यूँ उन्दरियू उक्लियूं मा
कण हिटण वाला
म्यार पहाड़ की नारी
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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