भली भली
भली भली सवाणी च
मुख जो आणी च
चाँद सी मुखडी
बड़ी लोभाणी च
भली भली सवाणी च
पहली दा देखो
मी देखादु रै गु
के गौ को पाणी च
बल बांद मस्तणीच
भली भली सवाणी च
ओ गौ का फेरा
अब दिन रात सुबरी
अब ना हुयी देरी
फीरण वींक साथ फेरा बल
भली भली सवाणी च
ब्युँली बाण के लंण बल
दुनिया मेर सजण बल
माया का गीत लगाण बल
दागड़यूँ थै अब नाचण बल
भली भली सवाणी च
म्यार स्प्न्यु माँ अन्द बल
गीत प्रीत का लगण बल
मी थै अपड दगड़ ले जंद बल
बीच म़ा मेरी नींदी टूट जंद बल
भली भली सवाणी च
भली भली सवाणी च
मुख जो आणी च
चाँद सी मुखडी
बड़ी लोभाणी च
भली भली सवाणी च
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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