माँ बोई
एक पहाड़ एक घारा
केकु लगावों जयकरा
एक माँ पहाडा
एक माँ घार
ऊँचा पह्ड़ा बैठी माँ
कभी येजा घारा
म्यार कुअड़ी मा
गीजी मेर बोई
ये जा येजा माँ भगवती
ये जा घारा
कण चडणु उकल बोई
तेरा धाम ऊँचा पहाडा
उकाली का बाटा बोई
म्यार मनख्यूं का धामा
ये जा येजा माँ भगवती
ये जा घारा
हीटणी खुँटी मेरी
चडू मै ये पहाड़
कभी कभी ये भगवती
ये जा मेरा बोई डेरा
ये जा येजा माँ भगवती
ये जा घारा
पुजा का थल सजी
धुप नावेद लो छायीं
अगरबती की धुंयेड़ मा
माँ का जयकार लगे जा
ये जा येजा माँ भगवती
ये जा घारा
एक पहाड़ एक घारा
केकु लगावों जयकरा
एक माँ पहाडा
एक माँ घार
ऊँचा पह्ड़ा बैठी माँ
कभी येजा घारा
म्यार कुअड़ी मा
गीजी मेर बोई
ये जा येजा माँ भगवती
ये जा घारा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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