आंखी बाट हेरणी च
स्वामी कखक होलो
आंखी बाट हेरणी च
जुन्यली रात दगडी
दगडी हीटणी च
स्वामी कखक होलो आज......
मया मेरी माया लगा
स्वामी थै यख बोला
जुन मेरु दुन गयु ........(२)
पहडै की बाटा बथा
आंखी बाट हेरणी आज
उजाली मेर मुखडी देख
लगणी आज कथा
सुण लींवा स्वामी मेर ........(२)
आके मेर यख व्यथा
जुन्यली रात दगडी ...........
सुरुक रुँडी गै सड़की सी
उंदर उकल सी मेर दशा
हडगी हडगी रैगैनी मेरी .............(२)
जवाणी कखक छुट गैनी
दगडी हीटणी च...................
स्वामी कखक होलो
आंखी बाट हेरणी च
जुन्यली रात दगडी
दगडी हीटणी च
स्वामी कखक होलो आज......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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