म्यार लोक म्यार मोलकी
ध्यै लागाणु च आज
छुडी गे मी आज
कीले उँ का साथ
म्यार लोक म्यार मोलकी
सड़की बणगी
सब सुरुक रूडी गैणी
मनख्यूं ना जाणी
सर छुडी गैणी
म्यार लोक म्यार मोलकी
ध्यै लागाणु च आज
जाके भी भुल्ह
फिर बुअडी णीइई
मया का थल मा
सब पीसी गैणी
म्यार लोक म्यार मोलकी
ध्यै लागाणु च आज
कदगा गंयाँ क्दगा रयां
कखक बाटे गण्या
एक रीघ लगी च
सब रीत रीता रयां
म्यार लोक म्यार मोलकी
ध्यै लागाणु च आज
ये जवां ये जवां
भुल्ह बीसरा बाटा
भटैकी भाटक्यां
ये जावा साथ साथ
म्यार लोक म्यार मोलकी
ध्यै लागाणु च आज
म्यार लोक म्यार मोलकी
ध्यै लागाणु च आज
छुडी गे मी आज
कीले उँ का साथ
म्यार लोक म्यार मोलकी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ