ADD

जनता का २ जी


जनता का २ जी 

२ जी का जी देखो 
कीतना बड़ा कीतना छोटा जी 
देता का जी नेता का जी 
मनी ही लेता है जी 
खाकी मा कैसा भेद जी 

देश को लगा चुना सफ़ेद जी 
करोड़ों का गेम जी 
आम जनता भूकी जी 
नेता भर पेट जी 
खाकी मा कैसा भेद जी 

चिंदबरम की चिर देख जी 
कोंजी के साड़ी खींच जी 
दुशाशन ए राजा तो भींच जी 
मनमोहन धुतरास्ट्र जी 
२ जी महभारत तू देख जी 
खाकी मा कैसा भेद जी 

जनता स्मरण शक्ती जी 
क्यूँ है बस है क्षणीक जी 
दुर्भग्या मेर या नेता जी 
जो करता रहता हर जी 
दू दिन कोई न कोई जी 
खाकी मा कैसा भेद जी 

आब तू जगा मेरे जी 
कब तक सोया रहेगा जी 
हर बार ना आएगा हजारे जी 
अब तुझ को ही बनना पड़ेगा अन्ना जी 
बस खडे खडे देख ये जी तू जी और २ जी 
खाकी मा कैसा भेद जी 

२ जी का जी देखो जी 
कीतना बड़ा कीतना छोटा जी 
देता का जी नेता का जी 
मनी ही लेता है जी 
खाकी मा कैसा भेद जी 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ