आंखी मेरी
म्यार आंखी मा देखा
क्या देखैणु छु आज .(२)
गीत माय का परणु
लगाणु छ आज
म्यार आंखी मा देखा ................
छुची याणी णी हैंष..(२)
जी कप्रणु छ आज
तेरा मुंड का सफा मा
बंध जणु छ आज
म्यार आंखी मा देखा ................
माँगा कु सीध .(२)
क्या बताणु छ आज
खाली गला भी
क्या मग्णु छ आज
म्यार आंखी मा देखा ................
खिली गलोडी .(२)
जस सेब लाल
नका की नय्थुँली
कान की कनुडी क्या बात
सब छुयां लगाण छ आज
म्यार आंखी मा देखा ................
मेरी माय मे मा ही राही.(२)
तेरु बाट मे ही जुयुई
जीकोड़ी की बात मेरी
मेरु आँखों पड़ ले
मेरी गीचुडी चुप का रही
म्यार आंखी मा देखा ................
म्यार आंखी मा देखा
क्या देखैणु छु आज .(२)
गीत माय का परणु
लगाणु छ आज
म्यार आंखी मा देखा ................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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