हिठाले दिअद
माठु माठु हिठाले दिअद
दोपहरी को घामा
म्यरु तीसलू शरीर
तीशालू पराण
माठु माठु हिठालेदिअद
बंजा पुन्गाड़ा
उजाड़ा ये डंडा
काचा पाका
ये सड़की बाटा
माठु माठु हिठाले दिअद
घुअती घुराना
ये उंचा निचा डंडा
हीलंस को पारंध
लगाधू ये आकशा
माठु माठु हिठाले दिअद
दूर मेर गाम दिअद
जस बद्री को धाम
कीन्गोड़ा काफल च्खैकी
कर थोडू आराम
माठु माठु हिठाले दिअद
खैरी कामणी ये दिअद
मील णी कभी आराम
विपदा कैमा लगाण दिअद
कैंका लागु मी सार
माठु माठु हिठाले दिअद
हिठ हिठ की दिअद
कमरी मेर पाटेगी
खाली पुटागी णी भारे
बीणा खुठी तुडैकी
माठु माठु हिठाले दिअद
माठु माठु हिठाले दिअद
दोपहरी को घामा
म्यरु तीसलू शरीर
तीशालू पराण
माठु माठु हिठालेदिअद
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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