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बचपन


बचपन 

याद आये बचपन 
पहुंचा जब मै पंच्पन 
रहा किसी कोने दिल 
छुपा मेरा वो हम दम 
पुकारें मेर बचपन .......

न जाने कंह चला गया 
तनहा अकेला छुड गया 
मुझ से रूठ कर वो 
मुझ मै ही वो आज खो गाया 
याद कर रहा बचपन   .......

एक हल्की सी याद 
लिये उसको अपने साथ 
करतें हरदम याद 
जो ओ मोड़ गया 
वो बचपन जो छुड गया ........

छुटी सी उंगलीयां
सपने ओ सुहाने 
आम की डाली मै  
खेले हम पाती पाती 
कंह छुटे वो सब साथी ........

कब छुटा तेरा साथ 
हमको ठीक से नहीं याद 
बचपन के वो दिन चार 
दिल पुकारें बार बार 
कांह छुटा मेरे यार ......... 

याद आये बचपन 
पहुंचा जब मै पंच्पन 
रहा किसी कोने दिल 
छुपा मेरा वो हम दम 
पुकारें मेर बचपन .......

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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