चांदा मेरा
असवान की धारा
नयनो का किनारा
सागर दिल मन मै
बस तेरा ही सहारा
असवान की धारा .......
बादल पलकों से
झिलमिल सितार
चम चमके देखो
वो आंगन हमारा
असवान की धारा ......
माथे की बिंदीयां
वो चांदा हमारा
काली लटलूँ मै
गाजरा तुम्हरा
असवान की धारा ......
असवान की धारा
नयनो का किनारा
सागर दिल मन मै
बस तेरा ही सहारा
असवान की धारा .......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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