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खुदैडी


खुदैडी 

आंशूं म्यार मै दगडी 
चूल्हों जंण जलदी बोझ्दी 
धोंयेंडी मन मा कोयेड़ी
खुदमा च ये खुदैडी 
आंशूं म्यार मी दगडी ............

ये मुल्क हमारा 
ऊँचा ये हीमाला 
कणडीयूँ का झाड़ा 
गदनीयुं का रोला 
आंशूं म्यार मी दगडी ............

तिबारी- डंडाली मेर भुली
घुघूती -हीलंसा ये रे सखी 
दूर दूर हीट बाटा ये रे भूलह 
दे दे दिलासा मीथै ये पहाडा 
आंशूं म्यार मी दगडी ............

बुरंस प्योंली ये हमजोली
किन्गोड़ा काफल की टोली  
ओ आमा की डाई ओ झुल्ह
ओ पंतैद्र का बाटा हम भुल्हा 
आंशूं म्यार मी दगडी ............

गयाँ परदेश जी 
भुलह आपरा देश 
मनखी चा आज उदास 
लागी माया की ठेस 
आंशूं म्यार मी दगडी ............

आंशूं म्यार मै दगडी 
चूल्हों जंण जलदी बोझ्दी 
धोंयेंडी मन मा कोयेड़ी
खुदमा च ये खुदैडी 
आंशूं म्यार मी दगडी ............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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